ब्यूरो,खबरनाउ: कुल्लू के मनाली में 2 से 6 जनवरी तक 11वां राष्ट्रीय शीतकालीन कार्निवल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. महोत्सव के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य क्रिसमस और नववर्ष समारोह के लिए हिल स्टेशन आने वाले पर्यटकों के ठहरने की अवधि को बढ़ाना है. कार्निवल लोक संस्कृति को बढ़ावा देता है और राज्य के भीतर और बाहर के कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है.
मनाली के निवासियों का कहना है कि कुछ संगठनों और शीतकालीन खेल प्रेमियों ने 1970 के दशक में कार्निवल की अवधारणा के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन शुरू किया था. वरिष्ठ नागरिक श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि उस समय इसका मुख्य उद्देश्य शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देना था. उन्होंने कहा, “मनाली में पर्वतारोहण संस्थान के तत्कालीन निदेशक हरनाम सिंह की इस कार्यक्रम को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका थी.”
पिछले तीन दशकों के दौरान, पर्यटन उद्योग के साथ-साथ विंटर कार्निवाल में भारी विस्तार हुआ है.अब, लोक संस्कृति और कई अन्य पहलुओं को कार्निवाल में जोड़ा गया है, जिससे यह एक बड़ा सांस्कृतिक और साहसिक खेल आयोजन बन गया है. यह नए साल के बाद ऑफ सीजन के दौरान पर्यटकों को कुल्लू-मनाली की ओर आकर्षित करता है. आयोजन का विस्तार करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 1999 में विंटर कार्निवाल को राज्य स्तरीय उत्सव का दर्जा दिया था. इसके बाद यह कार्निवल बढ़ता ही गया और 2011 में इसे राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिया गया.
आयोजन समिति ने कुल्लू जिले की समृद्ध लोक संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों को शामिल कर कार्निवाल को व्यापक सांस्कृतिक स्वरूप प्रदान किया है.
कार्निवाल के शुभारंभ पर, मॉल रोड एक मिनी-इंडिया की तरह दिखता है जिसमें विभिन्न राज्यों की झांकी प्रदर्शित होती हैं. ‘विंटर क्वीन’ और ‘वॉयस ऑफ कार्निवाल’ जैसी प्रतियोगिताएं युवा लड़कियों और प्रतिभाशाली गायकों को एक मंच प्रदान करती हैं. स्थानीय वेशभूषा में महिलाएं मेगा नट्टी भी करती हैं.
इसके अलावा कार्निवाल में रस्साकशी, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट और अन्य खेलों को भी शामिल किया गया है. राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है.