ब्यूरो,खबरनाउ: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नवीन विचारों के साथ नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू की जा रही है और राज्य सरकार परिवहन क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम उठा रही है.
उप मुख्यमंत्री आज यहां इलेक्ट्रिक वाहनों की टेस्ट ड्राइव को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने राज्य सचिवालय से कुछ दूरी तक इलेक्ट्रिक वाहन में सवार होकर इसके तकनीकी पहलुओं की जानकारी भी ली.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन की दिशा में सकारात्मक प्रयास किये जायेंगे. नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू करने के लिए विभिन्न स्तरों पर चर्चा हो रही थी. उन्होंने कहा, “शुरुआत में हिमाचल प्रदेश सचिवालय में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जाएगा और उसके बाद सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाया जाएगा।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द परिवहन विभाग में इलेक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा भी शामिल किया जाएगा और इसके लिए निदेशक परिवहन को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर इलेक्ट्रिक वाहनों के टेस्ट ड्राइव समेत विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी ली जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान भी मुख्यमंत्री के लिए इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराया गया था. हालांकि बाद में इसे सामान्य प्रशासन को सौंप दिया गया.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इलेक्ट्रिक वाहन नीति में सुधार का मामला राज्य कैबिनेट में रखा जाएगा. इसके अलावा केंद्र सरकार से भी बातचीत की जाएगी. डिप्टी सीएम ने कहा, “पहाड़ी राज्य में पर्यावरण संरक्षण और इस पर्यटन राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के बारे में निर्णय लिया जाएगा.”
उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाएगी, जिसके लिए उचित मापदंडों के अनुसार चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “प्रारंभिक चरण में यह सुविधा हिमाचल प्रदेश सचिवालय सहित राज्य के विभिन्न सरकारी संस्थानों और राज्य के बाहर हिमाचल सदन व भवन आदि में उपलब्ध कराई जाएगी.”
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वाहन लाइसेंस प्रणाली को मजबूत करते हुए सड़क सुरक्षा मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए नए ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाने की दिशा में भी उचित कदम उठाए जाएंगे. इस बारे में अधिकारियों को अध्ययन करने को कहा गया है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के पास वर्तमान में जीरो बुक वैल्यू के लगभग 1000 वाहन हैं और इन्हें चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों से बदला जाएगा. नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति में इलेक्ट्रिक बसें भी निगम के बेड़े में शामिल होंगी।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि उन्होंने कल परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें एचआरटीसी को एचआरटीसी को हुए भारी नुकसान की बात सामने आई. डिप्टी सीएम ने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहन नीति इस नुकसान को कम करने में मददगार साबित होगी, साथ ही निगम पर होने वाले लगभग 1.5 करोड़ रुपये के दैनिक खर्च को भी कम करेगी.” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास होगा कि प्रारंभिक चरण में एचआरटीसी के घाटे को कम किया जाए ताकि इसे कम से कम “नो प्रॉफिट नो लॉस” की स्थिति में लाया जा सके.
उन्होंने कहा कि निगम की वॉल्वो बसों के बेड़े को भी मजबूत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन करीब 125 वॉल्वो वाहन निगम के दायरे से बाहर चल रहे हैं.परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है कि इन वाहनों के संचालन की प्रक्रिया और इनके पंजीकरण के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
इस अवसर पर प्रमुख सचिव परिवहन आरडी नाजिम, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.