चंडीगढ़। देश भर में टीकाकरण अभियान को तेजी देने के उद्देश्य से, आगामी 21 जून से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान की शुरुआत होनी है, जिसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के जरिए दी। देश में अभी भी टीकाकरण जा रही है और इसमें स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को तवज्जो दी गई है। इसी कड़ी में आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के साथ एक वीडियोकांफ्रेंसिंग की, जिसमें प्राथमिकता वाले समूहों की वैक्सीन कवरेज को चिह्नित किया जा सके। पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों ने स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर्स दोनों के लिए टीकाकरण औसत कवरेज से नीचे पोस्ट किया है।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि स्वास्थ्य कर्मियों के बीच पहली और दूसरी खुराक लेने का राष्ट्रीय औसत क्रमशः 82 से 56 प्रतिशत है। जबकी पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु, दिल्ली और असम सहित अठारह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता खंड में कवरेज राष्ट्रीय औसत से नीचे है।
केंद्र ने गुरुवार को कहा कि राज्य 18-44 और 45 से अधिक आयु वर्ग के लिए वॉक-इन टीकाकरण की पेशकश कर सकते हैं। उन्हें पहले से प्रचार करना होगा कि किन केंद्रों में वॉक-इन की सुविधा होगी
फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए, पहली और दूसरी खुराक की कवरेज के लिए राष्ट्रीय औसत क्रमशः 85 प्रतिशत और 47 प्रतिशत है। पंजाब, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, तेलंगाना और कर्नाटक सहित 19 राज्यों के मामले में दूसरी खुराक कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है। इसको लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा, “राज्यों को कवरेज बढ़ाने के लिए कहा गया है।”
हालांकि एक पहलू यह भी है कि राज्यों के द्वारा केंद्र पर वैक्सीन उपलब्ध ना करवाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं। खासकर उन राज्यों में जिनमें गैर भाजपा दल सरकार में है। वही केंद्र लगातार जानकारी दे रहा है कितने टीके किस राज्य को आवंटित किए गए हैं और कितने टीके किस राज्य के पास उपलब्ध है। ऐसे में जब एक बड़ी जनसंख्या का टीकाकरण करना है परंतु अभी फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों जिनकी संख्या देश की पूरी जनसंख्या अब बहुत छोटा सा हिस्सा है अभी उनका टीकाकरण भी नहीं हुआ है। ऐसे में पूरे देश का टीकाकरण कब तक संभव हो पाएगा यह फिलहाल तो दूर की कौड़ी नगर आता है।